Monday 4 June 2012

PRASHANOTTAR---TAG GAME


Picture 2060 by rajee kushwahaमुझे भी इस खेल में शामिल होना ही पडा क्योंकि 'पूनम' ने पकड लिया--चलो मैं अपनी मातृ भाषा मे कुछ उत्तर दे देता हूं--वैसे अगर मानो तो मेरी मातृ भाषा तो पंजाबी है---हमारी मां यही भाषा बोलती थी. चलो देते है आपके "पांच प्रशन" का जावाब. यह है मेरे "पांच प्रशनोत्तर"

"पांच प्रशनोत्तर"


ANSWER THE FOLLOWING QUESTIONS:( Questions Copied from POONAM MISHRA's blog ) --

1. What is the first thing you notice about the opposite sex?
Please no corny answers like his/her personality, we all know what we notice first :-)

Picture 2417 by rajee kushwaha



क्या देखेगा सावन का अन्धा?

जिसकी यादों मे हरियाली और बादल,

क्यों पूछ्ते हो वो बात जान॑म,

जो बताने के नही है काबिल.

2. Who would you want to be with if you were deserted on an island?

मै और मेरी कलम---बैठ कर लिखेंगे कुछ प्यार के नुस्खे----जैसे किः-

Picture 1425 by rajee kushwaha

क्या करेंगे बन के वह साथी,

जिनके दिल में है नफरत समाई;

लहरें भागें हवाओं के पीछे,

"राजी" दिल-ए-समुद्र से करे बे-बफाई.

कभी समुद्र के सीने में मचल उठती यह,

कभी रेत के सीने से लिपट जाती है;

इनको आता नही इशक-ए-मोहब्बत का सबक,

कभी आती है यह कभी चली जाती है.

3. What turns you on about the opposite sex?

Picture 534 by rajee kushwaha


सफरनामा लिख लिया तकदीर का,

देख के जलवा उसकी तस्वीर का,

अजनवी थे 'राजी', मन में खौफ था,

ताला लगा जुबान पे संकोच का.
4. What turns you off?

ATT00040 by rajee kushwaha

कर के झूठा इकरार, किया यारी का व्यापार,

तूने बेचा है अपना ईमान रे, होगा प्यार तो अब बदनाम रे,

----यारा ओ यारा-----

----तूने ऐसा बिगाडा मेरा काम रे---

-----किसी दुश्मन का कैसे हम नाम ले-----

बात सुन लो हमारी, ओ फरेब के व्यापारी,

"राजी" करता है यह एलान रे----

दुनिया बोलेगी तुमको हैवान रे---

-----यारा ओ यारा-----

-----तूने ऐसा बिगाडा मेरा काम रे---

------किसी दुश्मन का कैसे हम नाम ले.

---- यारा ओ यारा -----

5. Some Sulekha bloggers have their real picture on the profile and some don't but just going by their blogs and comments who do you think is the hottest female (male bloggers answer this) and male blogger (female blogger answer this)?

सुलेखा---सुलेखा---सुलेखा---सुलेखा--क्या गर्म मसाला है? क्योंकिः-

आपकी इनायत है, मेहरबां हमारे--

वरना हम कहां थे काबिल तुम्हारे;

हम बन मुसाफिर तेरी गलियों में आए थे,

आशिको के दर्द के किस्से खींच लाए थे;

हमने न सोचा "राजी" ऐसा यह नसीब होगा,

'सितमगर' दुनिया का, हमारे करीब होगा.

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