नसीब अपना अपना---एक गीत
आप की इनायत है मेहरबान हमारे,
वरना हम कहॉं थे काबिल तुम्हारे;
एहसान यह तुम्हारा हमें दे दिया दिल,
नाचीज़ के ख़्वाब में आप ना थे मंजिल.
वरना हम कहॉं थे काबिल तुम्हारे;
एहसान यह तुम्हारा हमें दे दिया दिल,
नाचीज़ के ख़्वाब में आप ना थे मंजिल.
महिफलों में चर्चे होते आप ही के नाम के,
आशिकी में हारे दिल रहते न काम के;
दिलजलों में ऐसे कुछ दौलत के पुजारी वो,
पैसे से तौलते इशक की पटारी को.
आशिकी में हारे दिल रहते न काम के;
दिलजलों में ऐसे कुछ दौलत के पुजारी वो,
पैसे से तौलते इशक की पटारी को.
कल तक जो लगता था खाली सा मयखाना,
दिल के मारीज़ों का अब है दवाखाना;
कोई गम में ड़ूब के शोक मना रहा,
नयी चालों का कोई ज्ञाल बुना रहा.
दिल के मारीज़ों का अब है दवाखाना;
कोई गम में ड़ूब के शोक मना रहा,
नयी चालों का कोई ज्ञाल बुना रहा.
हम बन मुसाफिर तेरी गलीयों में आए थे,
आशिकों के दर्द के किस्से खींच लाए थे;
हमने ना सोचा "राजी" ऐसा यह नसीब होगा,
दुनियां का 'सितमगर' अपने कारीब होगा.
आशिकों के दर्द के किस्से खींच लाए थे;
हमने ना सोचा "राजी" ऐसा यह नसीब होगा,
दुनियां का 'सितमगर' अपने कारीब होगा.
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