Tuesday, 29 May 2012

HINDI POEM-7 AGAR HITLER NA HOTA

अगर "हिटलर" न होता?

क्या होता इतिहास हमारा, क्या होता यह देश आज़ाद?
"हिटलर" अगर न पैदा होता, क्या होता हमारा स्वराज?

इतिहास के पन्ने तो बेशक, हिटलर के नाम से है शर्मिन्दा;
कमज़ोर बनाया पर उसने, साम्राज्याबाद का जाहिल दरिन्दा।

कई बातों में बुरा था "हिट्लर", यह बात तुम्हारी तो मानते हम,
पर "जलियांवाला बाग" का किस्सा, कैसे "ग़ैस-चैम्बर" से कम?

सोचो तुम ज्ररा शांत दिमाग से, किसका राज़ दुनियां में चलता?
"ब्रिटेन" किसी की बात न सुनता, "सूरज उसका अगर न ढ़लता"।

क्या होता "एशिया" का रुप, "अफ़्रीका" में होता किसका राज़?
क्या इंगलैंड की कमर टूटती, गिरती न गर "हिटलर" की गाज?

"अच्छाई- बुराई" का अन्तर तो, दो लफ्जों में होता मेरे यार!
 जीता जो कहला गया 'सिकन्दर, "शैतान" बही जो गया हार ।

"एफ्रो-एशियन" देश जब "राज़ी", कभी लिखेंगे अपना इतिहास,
"हिटलर" को मानेंगे मशीहा, कर दिया जिसने 'साम्राज्य' बिनाश ।

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